Sunday, November 15, 2020

Sana Sana Hath Jodi MCQ साना-साना हाथ जोड़ि MCQ Class 10 Kritika Chapter 3

Sana Sana Hath Jodi MCQ साना-साना हाथ जोड़ि  MCQ  Class 10 Kritika Chapter 3

MCQ Questions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि with Answers

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साना-साना हाथ जोड़ि Class 10 MCQs Questions with Answers
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साना साना हाथ जोड़ि

का सारांश


साना साना हाथ जोड़ि लेखिका 'मधु कांकरिया' द्वारा लिखित यह एक यात्रा-वृतांत है | प्रस्तुत यात्रा-वृतांत में लेखिका ने भारतीय राज्य सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक और हिमालय की यात्रा का वर्णन किया है | लेखिका गैंगटॉक को मेहनती बादशाहों का एक ऐसा शहर बताती हैं, जिसका सुबह, शाम और रात सब कुछ सुंदर है | वहाँ तारों से भरे आसमान में लेखिका को सम्मोहन महसूस होता है, जिसमें वह खो जाती हैं | वह नेपाली युवती द्वारा बताई गई प्रार्थना ‘मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो’ को गाती हैं | 

वैसे प्रस्तुत लेख का शीर्षक "साना साना हाथ जोड़ि" का अर्थ होता है --- " छोटे-छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूँ " | 

साना साना हाथ जोड़ि
साना साना हाथ जोड़ि
दूसरे दिन मौसम साफ न होने के कारण लेखिका कंचनजंघा की चोटी तो नहीं देख सकी, लेकिन ढेरों खिले फूल देखकर खुश हो जाती हैं | वह उसी दिन गैंगटाॅक से 149 किलोमीटर दूर यूमथांग देखने अपनी सहयात्री मणि और गाइड जितेन नार्गे के साथ रवाना होती हैं | गैंगटॉक से यूमथांग निकलते ही लेखिका को एक कतार में लगी सफेद-सफेद बौद्ध पताकाएँ दिखाई देती हैं, जो ध्वज की तरह फहरा रही थीं | ये शान्ति और अहिंसा की प्रतीक थीं और उन पताकाओं पर मंत्र लिखे हुए थे | लेखिका के गाइड ने उन्हें बताया कि जब किसी बौद्ध की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए शहर से दूर किसी भी पवित्र स्थान पर एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ फहरा दी जाती हैं |  इन्हें उतारा नहीं जाता है, ये खुद नष्ट हो जाती हैं | कई बार नए शुभ कार्य की शुरुआत में भी रंगीन पताकाएँ फहरा दी जाती हैं | 

चलते-चलते लेखिका को एक कुटिया के भीतर घूमता हुआ चक्र दिखाई देता है, जिसे धर्म चक्र या प्रेयर व्हील कहा जाता है | गाइड नार्गे ने बताया कि इसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं | जैसे-जैसे वे लोग ऊँचाई की ओर बढ़ने लगे, वैसे-वैसे बाजार, लोग और बस्तियाँ आँखों से ओझल होने लगी |  घाटियों में देखने पर सबकुछ धुंधला दिखाई दे रहा था | उन्हें हिमालय पल-पल परिवर्तित होते महसूस हो रहा था | 'सेवन सिस्टर्स वॉटर फॉल' पर जीप रुकती है | सभी लोग वहाँ की सुंदरता को कैमरे में कैद करने लग जाते हैं | वहाँ झरने का पानी में लेखिका को ऐसा लग रहा था, जैसे वह उनके अंदर की सारी बुराईयाँ और दुष्टता को बहाकर ले जा रहा हो |  

लेखिका के अनुसार, रास्ते में प्राकृतिक दृश्य हर पल अपना रंग ऐसे बदल रहे थे, जैसे कोई जादू की छड़ी घुमाकर सबकुछ बदल रहा था | थोड़ी देर के लिए जीप 'थिंक ग्रीन' लिखे शब्दों के पास रुकी | वहाँ सभी कुछ एक साथ सामने था | लगातार बहते झरने थे, नीचे पूरे वेग से बह रही तिस्ता नदी थी, सामने धुंध थी, ऊपर आसमान में बादल थे और मंद-मंद हवा चल रही थी, जो आस-पास के वातावरण में खिले फूलों की हँसी चारों तरफ़ बिखेर रही थी | कुछ औरतों की पीठ पर बँधी टोकरियों में बच्चे थे | इतने सुंदर वातावरण में भूख, गरीबी और मौत के निर्मम दृश्य ने लेखिका को सहमा दिया | एक कर्मचारी ने बताया कि ये औरतें पहाड़ी रास्ते को चौड़ा बना रही हैं | कई बार काम करते समय किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, क्योंकि जब पहाड़ों को डायनामाइट से उड़ाया जाता है तो उनके टुकड़े इधर-उधर गिरते हैं | यदि उस समय सावधानी न बरती जाए, तो जानलेवा हादसा भी हो जाता है | तभी लेखिका को महसूस है कि सभी जगह आम जीवन की कहानी एक सी है | 

कुछ दूर चलने पर पहाड़ी स्कूली बच्चों से लेखिका की मुलाकात होती है | गाइड जितेन बताता है कि ये बच्चे तीन से साढ़े तीन किलोमीटर की पहाड़ी चढ़कर स्कूल जाते हैं |  ये बच्चे स्कूल से लौटकर अपनी माँ के साथ काम करते हैं | यहाँ का जीवन बहुत मेहनत भरा है | जैसे-जैसे ऊँचाई बढ़ती जा रही थी, वैसे-वैसे खतरे भी बढ़ते जा रहे थे | रास्ता तंग होता जा रहा था |  जगह-जगह 'गाड़ी धीरे चलाएँ' लिखे बोर्ड लगे थे |  

शाम के समय जीप चाय बागानों में से गुजर रही थी | बागानों में कुछ युवतियाँ सिक्किम के परम्परागत परिधान पहने चाय की पत्तियाँ तोड़ रही थीं | यूमथांग पहुँचने से पहले वे लोग लायुंग रुके |  लायुंग में लकड़ी से बने छोटे-छोटे घर थे | लेखिका सफ़र की थकान उतारने के लिए तिस्ता नदी के किनारे फैले पत्थरों पर बैठ गई | रात होने पर गाइड जितेन के साथ अन्य साथियों ने नाच-गाना शुरू कर दिया था | लेखिका की सहयात्री मणि ने भी नृत्य करने में सराबोर हो गई | लायुंग में अधिकतर लोगों की जीविका का साधन पहाड़ी आलू, धान की खेती और शराब था |  लेखिका को वहाँ बर्फ़ देखने की इच्छा थी, परंतु वहाँ बर्फ कहीं भी नज़र नहीं आ रहा था | 

'कटाओ' को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है |  लेखिका की सहयात्री मणि, जिसने स्विट्ज़रलैंड घुमा था, उसने कहा कि यह स्विट्जरलैंड से भी सुंदर है | कटाओ को अभी तक टूरिस्ट स्पॉट नहीं बनाया गया था, इसलिए यह अब तक अपने प्राकृतिक स्वरूप में था | 

सभी सहयात्री वहाँ के वातावरण में फोटो खिंचवा रहे थे | लेखिका वहाँ के वातावरण को अपनी साँसों में समा लेना चाहती थी | उसे लग रहा था कि ऐसे वातावरण ने ही ऋषिमुनियों को वेदों की रचना करने की प्रेरणा दी होगी | लेखिका का मानना है कि ऐसे सौंदर्य को यदि कोई अपराधी भी देख ले, तो वह भी आध्यात्मिक हो जाएगा | मणि के मन में भी दार्शनिकता उभरने लगी थी | वे कहती हैं कि - प्रकृति अपने ढंग से सर्दियों में हमारे लिए पानी इकट्ठा करती है और गर्मियों में ये बर्फ शिलाएँ पिघलकर जलधारा बनकर हम लोगों की प्यास को शांत करती है | प्रकृति का यह जल संचय अद्भुत है | 

आगे जाने पर फ़ौजी छावनियाँ दिखाई दी | लेखिका फ़ौजियों को देखकर उदास हो गई | वैशाख के महीने में भी वहाँ बहुत ठंड थी | वे लोग पौष और माघ की ठंड में किस तरह रहते होंगे ? वहाँ जाने का रास्ता भी बहुत खतरनाक था |  कटाओं से यूमथांग की ओर जाते हुए प्रियुता और रूडोडेंड्रो ने फूलों की घाटी को भी देखा | यूमथांग कटाओ जैसा सुंदर नहीं था | जितेन ने रास्ते में बताया कि यहाँ पर बंदर का माँस भी खाया जाता है | बंदर का माँस खाने से कैंसर नहीं होता | यूमथांग वापस आकर उन लोगों को वहाँ सब फीका-फीका लग रहा था | पहले सिक्किम स्वतंत्र राज्य था | अब वह भारत का एक हिस्सा बन गया है |  

मणि ने बताया कि पहाड़ी कुत्ते केवल चाँदनी रातों में भौंकते हैं | यह सुनकर लेखिका हैरान रह गई |  उसे लगा कि पहाड़ी कुत्तों पर भी ज्वारभाटे की तरह पूर्णिमा की चाँदनी का प्रभाव पड़ता है |  गुरुनानक के पदचिह्नों वाला एक ऐसा पत्थर दिखाया, जहाँ कभी उनकी थाली से चावल छिटककर बाहर गिर गए थे | खेदुम नाम का एक किलोमीटर का ऐसा क्षेत्र भी दिखाया, जहाँ देवी-देवताओं का निवास माना जाता है | नार्गे ने पहाड़ियों के पहाड़ों, नदियों, झरनों और वादियों के प्रति पूज्य भाव की भी जानकारी दी | भारतीय आर्मी के कप्तान शेखर दत्ता के सुझाव पर गैंगटाॅक के पर्यटक स्थल बनने और नए रास्तों के साथ नए स्थानों को खोजने के प्रयासों के बारे में भी बताया...||
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