Patang MCQ पतंग MCQ Class 12 Hindi Aroh Chapter 2
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पतंग आलोक धन्वा patang alok dhanwa summary patang by alok dhanwa in hindi patang by alok dhanva कविता का सार /मूल भाव /केन्द्रीय भाव -
पतंग आलोक धन्वा जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कविता है .इस कविता में आपने पतंग के बहाने बालसुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुन्दर चित्रण किया है .बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आये परिवर्तन को अभिव्यक्त करने के लिए सुन्दर बिम्बों का उपयोग किया गया है .पतंग बच्चों की उमंगों को रंग - बिरंगा सपना है .आसमान में उड़ती हुई पतंग ऊँचाईयों की वे हदें हैं ,बालपन जिन्हें छूना चाहता है और उसके पार जाना चाहता है . भादों महीने की तेज़ बौछारों वाला मौसम चला गया अर्थात बरसात का मौसम चला गया .अब खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा शरद ऋतू जैसा लाल सुबह आ चुकी है .यहाँ शरद ऋतू का मानवीयकरण करते हुए उसे नयी चमकीली साइकिल से की गयी है ,जो घंटी बजाते हुए चला जा रहा है .कविता धीरे - धीरे बिम्बों की एक ऐसी नयी दुनिया में ले जाती है जहाँ शरद ऋतू का चमकीला इशारा है ,जहाँ तितलियों की रंगीन दुनिया है ,दिशाओं के मृदंग बजते हैं .जहाँ छतों के खतरनाक कोने के गिरने का भय है ,तो दूसरी ओर भय पर विजय पाते बच्चे हैं जो गिर - गिर संभलते हैं और पृथ्वी का हर कोना खुद - ब - खुद उनके पास आ जाता है .वे पतंग उड़ाने में तल्लीन रहते हैं यदि वे छतों के खतरनाक किनारों से बच जाते हैं ,तो उनकी निर्भीकता और अधिक बढ़ जाती है ,जिससे सूरज के सामने सीना तानकर पतंग उड़ाते हैं .पृथ्वी बच्चों के इर्द - गिर्द घूमती है .वास्तव में बच्चे पतंगों के सहारे आकाश की ऊँचाईयों को छूना चाहते हैं और स्वयं पतंग के समान बन गए हैं .वे हर बार नयी - नयी पतंगों को सबसे ऊँचा उड़ाने का हौसला लिए फिर -फिर भादों के बाद शरद की प्रतीक्षा कर रहे हैं .
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