MCQ Questions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 10 नेताजी का चश्मा with Answers
Attempt the quiz Here : https://quizizz.com/join/quiz/5f6f80006f7dd7001b5097bb/start
कठिन शब्दों के अर्थ
• कस्बा – छोटा शहर
• लागत – खर्च
• उहापोह – क्या करें, क्या ना करें की स्थिति
• शासनाविधि – शासन की अविधि
• कमसिन – कम उम्र का
• सराहनीय – प्रशंसा के योग्य
• लक्षित करना – देखना
• कौतुक – आश्चर्य
• दुर्दमनीय – जिसको दबाना मुश्किल हो
• गिराक – ग्राहक
• किदर – किधर
• उदर – उधर
• आहत – घायल
• दरकार – आवश्यकता
• द्रवित – अभिभूत होना
• अवाक् – चुप
• प्रफुल्लता – ख़ुशी
- हृदयस्थली – विशेष महत्व रखने वाला स्थान
- दरकार – जरूरी
- निष्कर्ष – नतीज़ा
- भूतपूर्व – पहले का
- खुशमिज़ाज – खुश रहने वाला
- कौतुक – हैरानी
- प्रतिष्ठापित – स्थापित किया गया
- मरियल – दुर्बल, कमज़ोर
- कौतूहल – उत्सुकता
- लागत – खर्च
- पारदर्शी – जिसके आर-पार दिखाई दे
- कत्था – खैर की छाल का सत जो पान में लगाया जाता है
हालदार साहब को हर पन्द्रहवें दिन कम्पनी के काम से एक छोटे कस्बे से गुजरना पड़ता था। उस कस्बे में एक लड़कों का स्कूल, एक लड़कियों का स्कूल, एक सीमेंट का कारखाना, दो ओपन सिनेमा घर तथा एक नगरपालिका थी। नगरपालिका थी तो कुछ ना कुछ करती रहती थी, कभी सड़के पक्की करवाने का काम तो कभी शौचालय तो कभी कवि सम्मेलन करवा दिया। एक बार नगरपालिका के एक उत्साही अधिकारी ने मुख्य बाज़ार के चैराहे पर सुभाषचन्द्र बोस की संगमरमर की प्रतिमा लगवा दी। चूँकि बजट ज्यादा नही था इसलिए मूर्ति बनाने का काम कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के शिक्षक को सौंपा गया। मूर्ति सुन्दर बनी थी बस एक चीज़ की कमी थी, नेताजी की आँख पर चश्मा नहीं था। एक सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला फ्रेम मूर्ति को पहना दिया गया। जब हालदार साहब आये तो उन्होंने सोचा वाह भई! यह आईडिया ठीक है। मूर्ति पत्थर की पर चश्मा रियल। दूसरी बार जब हालदार साहब आये तो उन्हें मूर्ति पर तार का फ्रेम वाले गोल चश्मा लगा था। तीसरी बार फिर उन्होंने नया चश्मा पाया। इस बार वे पानवाले से पूछ बैठे कि नेताजी का चश्मा हरदम बदल कैसे जाता है। पानवाले ने बताया की यह काम कैप्टन चश्मेवाला करता है। हालदार साहब को समझते देर न लगी की बिना चश्मे वाली मूर्ति कैप्टेन को ख़राब लगती होगी इसलिए अपने उपलब्ध फ्रेम में से एक को वह नेताजी के मूर्ति पर फिट कर देता होगा। जब कोई ग्राहक वैसे ही फ्रेम की मांग करता जैसा मूर्ति पर लगा है तो वह उसे मूर्ति से उतारकर ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर नया फ्रेम लगा देता चूँकि मूर्ति बनाने वाला मास्टर चश्मा भूल गया।
हालदार साहब ने पानवाले जानना चाहा कि कैप्टेन चश्मेवाला नेताजी का साथी है या आजाद हिन्द फ़ौज का कोई भूतपूर्व सिपाही? पानवाले बोला कि वह लंगड़ा क्या फ़ौज में जाएगा, वह पागल है इसलिए ऐसा करता है। हालदार साहब को एक देशभक्त का मजाक बनते देखना अच्छा नही लगा। कैप्टेन को देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ चूँकि वह एक बूढ़ा मरियल-लंगड़ा सा आदमी था जिसके सिर पर गांधी टोपी तथा चश्मा था, उसके एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे में एक बांस में टंगे ढेरों चश्मे थे। वह उसका वास्तविक नाम जानना चाहते थे परन्तु पानवाले ने इससे ज्यादा बताने से मना कर दिया।
दो साल के भीतर हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति पर कई चश्मे लगते हुए देखे। एक बार जब हालदार साहब कस्बे से गुजरे तो मूर्ति पर कोई चश्मा नही था। पूछने पर पता चला की कैप्टेन मर गया, उन्हें बहुत दुःख हुआ। पंद्रह दिन बाद कस्बे से गुजरे तो सोचा की वहाँ नही रुकेंगे, पान भी नही खायेंगे, मूर्ति की ओर देखेंगे भी नहीं। परन्तु आदत से मजबूर हालदार साहब की नजर चौराहे पर आते ही आँखे मूर्ति की ओर उठ गयीं। वे जीप से उतरे और मूर्ति के सामने जाकर खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना हुआ छोटा सा चश्मा रखा था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। यह देखकर हालदार साहब की आँखे नम हो गयीं।
अवतरणों पर आधारित प्रश्नोत्तर
- सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ?
उत्तर
सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन इसलिए कहते थे क्योंकि उसके अंदर देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी हूई थी।वह स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सेनानियों का भरपूर सम्मान करता था| वह नेताजी की मूर्ती को बार-बार चश्मा पहना कर देश के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा प्रकट करता था। देश के प्रति त्याग व समर्पण की भावना उसके ह्रदय में किसी भी फ़ौजी से कम नहीं थी।
- हालदार साहब ने ड्राईवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा
(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
(ख) मूर्ती पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
(ग) हालदार साहब इतनी – सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?
उत्तर
(क) हालदार साहब पहले इसलिए मायूस क्यों हो गए थे क्योंकि वे सोच रहे थे कस्बे के चौराहे पर सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा तो अवश्य मिलेगी, परंतु उनकी आँखों पर चश्मा लगा नहीं मिलेगा। चश्मा लगानेवाला देशभक्त कॅप्टन तो मर चुका है और वहाँ अब किसी में वैसी देशप्रेम की भावना नहीं है।
(ख) मूर्ती पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि अभी लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना मरी नहीं है। भावी पीढ़ी इस धरोहर को सम्हाले हुए है| बच्चों के अंदर देशप्रेम का जज्बा है, अतः देश का भविष्य सुरक्षित है|
(ग) हालदार साहब इसलिए भावुक हो उठे क्योंकि उनके मन में आई हुई निराशा की भावना अचानक ही आशा के रूप में परिवर्तित हो गयी और उनके ह्रदय की प्रसन्नता आँखों से आँसू बनकर छलक उठी। उन्हें यह विश्वास हो गया कि देशभक्ति की भावना भावी पीढ़ी के मन में भी पूरी तरह भरी हुई है।
- “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने केमौके ढूँढ़ती है।” आशय स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर
हालदार साहब बार-बार सोचते रहे कि उस कौम का भविष्य कैसा होगा जो उन लोगों की हँसी उड़ाती है जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ त्याग कर देते हैं।साथ ही वह ऐसे अवसर तलाशती रहती है, जिसमें उसकी स्वार्थ की पूर्ती हो सके, चाहे उसके लिए उन्हें अपनी नैतिकता को भी तिलांजलि क्यों न देनी पड़े। अर्थात आज हमारे समाज में स्वार्थ पूर्ती के लिए अपना ईमान तक बेच दिया जाता है। यहाँ देशभक्ति को मुर्खता समझा जाता है।4. पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
सड़क के चौराहे के किनारे एक पान की दुकान में एक पान वाला बैठा है। वह काला तथा मोटा है, उसके सिर पर गिने-चुने बाल ही बचे हैं। वह एक तरफ़ ग्राहक के लिए पान बना रहा है, वहीं दूसरी ओर उसका मुँह पान से भरा है। पान खाने के कारण उसके होंठ लाल तथा कहीं-कहीं काले पड़ गए हैं। उसने अपने कंधे पर एक कपड़ा रखा हुआ है जिससे रह-रहकर अपना चेहरा साफ़ करता है।5. “वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर
कैप्टन के बारे में हालदार साहब द्वारा पूछे जाने पर पानवाले ने टिप्पणी की कि वो लंगड़ा फ़ौज में क्या जायगा, वह तो पागल है। पानवाले द्वारा ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं था। कैप्टन शार्रीरिक रूप से अक्षम था जिसके लिए वह फौज में नहीं जा सकता था। परंतु उसके ह्रदय में जो अपार देशभक्ति की भावना थी, वह किसी फौजी से कम नहीं थी। कैप्टन अपने कार्यों से जो असीम देशप्रेम प्रकट करता था उसी कारण पानवाला उसे पागल कहता था। ऐसा कहना पानवाले की स्वार्थपरता की भावना को दर्शाता है, जो सर्वथा अनुचित है।
वास्तव में तो पागलपन की हद तक देश के प्रति त्याग व समर्पण की भावना रखनेवाला व्यक्ति श्रद्धा का पात्र है, उपहास का नहीं।
- जब तक हालदार साहब नेकैप्टन को साक्षात नहीं देखा था तब तक उसके मानस पटल पर उसका कौन -सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर
हालदार साहब ने जब तक कॅप्टन को साक्षात नहीं देखा था तब तक उनके मानस पटल पर कैप्टन की एक भारी-भरकम मज़बूत शरीर वाली रोंबदार छवि अंकित हो रही होगी। उन्हें लगता था फौज में होने के कारण लोग उन्हें कैप्टन कहते हैं।
- कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है। इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
उत्तर – इस तरह की मूर्ति लगाने का प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उक्त महान व्यक्ति की स्मृति हमारे मन में बनी रहे। हमें यह स्मरण रहे कि उस महापुरूष ने देश व समाज के हित के लिए किस तरह के महान कार्य किये| उसके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम भी अच्छे कार्य करें, जिससे समाज व राष्ट्र का भला हो।
9.कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन – सा हो गया है।
उत्तर – हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गांधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे। इसका कारण यह है कि आज के परिवेश में जिस प्रकार से हिंसा, झूठ, स्वार्थ, वैमनस्य, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार आदि बुराइयाँ व्याप्त होती जा रही हैं, उसमें गांधीजी के आदर्शों की प्रासंगिकता और भी बढ़ गयी है। गांधीजी की मूर्ति स्थापित होने से लोगों के अंदर सत्य, अहिंसा, सदाचार, साम्प्रदायिक सौहार्द आदि की भावनाएं उत्पन्न होंगी। इससे समाज व देश का वातावरण अच्छा बनेगा।
10. अपने इलाके के चौराहे की मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
उत्तर – हमारा यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि हमुस मूर्ति की गरिमा का ध्यान रखें। हम न तो स्वयं उस मूर्ति का अपमान करें अथवा उसे क्षति पहुँचाएँ और न ही दूसरों को ऐसा करने दें। हम उस मूर्ति के प्रति पर्याप्त श्रद्धा प्रकट करें एवं उस महापुरूष के आदर्शों पर स्वयं भी चलें तथा दूसरे लोगों को भी चलने के लिए प्रेरित करें।
निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए –
(क) वह अपनी छोटी – सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर देता है।
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था।
(घ) ड्राईवर ने जोर से ब्रेक मारा।
(ड़) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।
उत्तर
(क) उसके द्वारा अपनी छोटी – सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर दिया जाता है।
(ख) पानवाले से नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
(घ) ड्राईवर द्वारा जोर से ब्रेक मारा गया।
(ड़) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।
नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए –
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो, अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।
उत्तर
(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) चलो अब सोया जाए।
(घ) माँ से रोया भी नहीं जाता।
(1)
क्या कैप्टन चश्मेवाला नेताजी का साथी है या आज़ाद हिंद फ़ौज का भूतपूर्व सिपाही ?
प्रश्न
(i) प्रस्तुत पंक्ति कौन, किससे पूछ रहा है ?
(ii) वक्ता का परिचय दीजिए ।
(iii) श्रोता चश्मेवाले के लिए क्या टिप्पणी करता है ? श्रोता की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए।
उत्तर
(i) प्रस्तुत पंक्ति हालदार साहब पानवाले से पूछ रहे हैं।
(ii) हालदार साहब इस कहानी के मुख्य पात्र तथा सूत्रधार भी हैं जिनके माध्यम से यह कहानी आगे बढ़ती है। हालदार साहब किसी कंपनी के अधिकारी हैं। वे अत्यंत भावुक, संवेदनशील तथा देशभक्त व्यक्ति हैं। उन्हें कस्बे के मुख्य बाज़ार के मुख्य चौराहे पर स्थापित नेताजी की संगमरमर की प्रतिमा में गहरी दिलचस्पी है।
(iii) कैप्टन के बारे में हालदार साहब द्वारा पूछे जाने पर पानवाले ने टिप्पणी की कि वह लंगड़ा फ़ौज में क्या जाएगा, वह तो पागल है। पानवाले द्वारा ऐसी टिप्पणी करना उचित नहीं था। कैप्टन शारीरिक रूप से अक्षम था जिसके लिए वह फौज में नहीं जा सकता था। परंतु उसके हृदय में जो अपार देशभक्ति की भावना थी, वह किसी फौजी से कम नहीं थी। कैप्टन अपने कार्यों से जो असीम देशप्रेम प्रकट करता था उसी कारण पानवाला उसे पागल कहता था। ऐसा कहना पानवाले की स्वार्थपरता की भावना को दर्शाता है, जो सर्वथा अनुचित है।
वास्तव में तो पागलपन की हद तक देश के प्रति त्याग व समर्पण की भावना रखनेवाला व्यक्ति श्रद्धा का पात्र है, उपहास का नहीं।
(2) बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम कर देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।
प्रश्न
(i) प्रस्तुत पंक्तियों का संदर्भ स्पष्ट कीजिए।
(ii) कैप्टन की मृत्यु के बाद कस्बे में घुसने से पहले हालदार साहब के मन में क्या ख्याल आया ?
(iii) होम कर देनेवालों का तात्पर्य स्पष्ट करते हुए यह बताइए कि कौन किस पर हँसते हैं और क्यों ?
(iv) मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य होते हैं और आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ? अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर
(i) दो साल तक हालदार साहब कस्बे से गुज़रते और नेताजी की मूर्ति में बदलते हुए चश्मे को देखते लेकिन एक बार मूर्ति के चेहरे पर चश्मा नहीं था। जब उन्होंने पानवाले से इस संबंध में पूछा तब पानवाले ने उदास होकर बताया कि चश्मा बदलने वाला कैप्टन मर गया है। उपर्युक्त पंक्तियाँ इसी संदर्भ में प्रयुक्त हुई हैं।
(ii) पंद्रह दिन बाद जब हालदार साहब उसी कस्बे से गुज़रे तब उनके मन में ख्याल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा अवश्य होगी लेकिन उस प्रतिमा के चेहरे पर चश्मा नहीं होगा क्योंकि उस प्रतिमा को बनाने वाला मास्टर साहब चश्मा बनाना भूल गया है और देशभक्ति की भावना से भरा कैप्टन मर गया है जो प्रतिमा के चेहरे पर चश्मा पहनाया करता था।
(iii) होम कर देनेवालों का तात्पर्य है कुर्बान कर देने वालों।
उस स्वार्थी और लालची कौम का भविष्य कैसा होगा जो उन देशभक्तों की हँसी उड़ाती है जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ त्याग कर देते हैं। साथ ही वह ऐसे अवसर तलाशती रहती है, जिसमें उसकी स्वार्थ की पूर्ति हो सके, चाहे उसके लिए उन्हें अपनी नैतिकता की भी तिलांजलि क्यों न देनी पड़े। अर्थात आज हमारे समाज में स्वार्थ पूर्ति के लिए अपना ईमान तक बेच दिया जाता है। यहाँ देशभक्ति को मूर्खता समझा जाता है और देशभक्त को मूर्ख।
(iv) मूर्ति लगाने का प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उक्त महान व्यक्ति की स्मृति हमारे मन में बनी रहे। हमें यह स्मरण रहे कि उस महापुरुष ने देश व समाज के हित के लिए किस तरह के महान कार्य किये। उसके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम भी अच्छे कार्य करें, जिससे समाज व राष्ट्र का विकास हो सके।हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गाँधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे। इसका कारण यह है कि आज के परिवेश में जिस प्रकार से हिंसा, झूठ, स्वार्थ, वैमनस्य, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार आदि बुराइयाँ व्याप्त होती जा रही हैं, उसमें गांधी जी के आदर्शों की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। गांधीजी की मूर्ति स्थापित होने से लोगों के अंदर सत्य, अहिंसा, सदाचार, साम्प्रदायिक सौहार्द आदि की भावनाएं उत्पन्न होंगी। इससे समाज व देश का वातावरण अच्छा बनेगा।
30 secondsQ. नेताजी का चश्मा नामक पाठ के लेखक कौन है?answer choices- Question 230 secondsQ. स्वयं प्रकाश का जन्म कहां हुआ था?answer choices
- Question 330 secondsQ. इस पाठ में नेता जी शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?answer choices
- Question 430 secondsQ. हालदार साहब कितने दिन के उपरांत उस कसबे से गुजरते थे?answer choices
- Question 530 secondsQ. नेता जी की मूर्ति पर लगा चश्मा कैसा था?answer choices
- Question 630 secondsQ. चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?answer choices
- Question 730 secondsQ. पान वाले का शारीरिक स्वरूप कैसा था?answer choices
- Question 830 secondsQ. कैप्टन की मृत्यु के बाद हालदार साहब चौराहे पर क्यों नहीं रुकना चाहते थे?answer choices
- Question 930 secondsQ. कैप्टन की मृत्यु के बाद नेता जी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा था, यह किसके द्वारा लगाया गया था?answer choices
- Question 1030 secondsQ. नेताजी का चश्मा नामक पाठ कौन सा संदेश देती है?answer choices
- Question 1130 secondsQ. हवलदार साहब किस बात पर दुखी हो गए?answer choices
- Question 1230 secondsQ. हालदार साहब को कितने दिनों में कंपनी के काम से कस्बे से गुजरना पड़ता था।answer choices
- Question 1330 secondsQ. निम्लिखित में से कस्बे में क्या नहीं था?answer choices
- Question 1430 secondsQ. गलत कथन चुनिएanswer choices
- Question 1530 secondsQ. मूर्ति में एक कमी थी।वह थी_answer choices
- Question 1630 secondsQ. नेताजी से जुड़े दो नारे हैंanswer choices
- Question 1730 secondsQ. पान वाले के बारे में क्या सही नहीं नहीं है?answer choices
- Question 1830 secondsQ. सेनानी ना होते हुए भी चश्मे वाले को सभी कैप्टन कहते थे क्योंकिanswer choices
- Question 1930 secondsQ. हालदार साहब किस आदत से मजबुर थे?answer choices
- Question 2030 secondsQ. पानवाला उदास क्यों हो गया?answer choices
- Question 2130 secondsQ. हालदार साहब और पान वाले के स्वभाव में क्या समानता थी?answer choices
- Question 2230 secondsQ. बच्चो द्वारा नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगाना संदेश देता है किanswer choices
- Question 2330 secondsQ. पाठ और लेखक का नाम हैanswer choices
- Question 2430 secondsQ. मूर्तिकार का नाम थाanswer choices
- Question 2530 secondsQ. मूर्ति की आंखों पर सरकंडे का चश्मा देखकर हालदार साहब ने क्या किया?answer choices
- Question 2630 secondsQ. हालदार साहब की आंखें भर आती हैं क्योंकिanswer choices
- Question 2730 secondsQ. नेताजी की मूर्ति लगी थी।answer choices
- Question 2830 secondsQ. हालदार साहब पान वाले से जानना चाहते थेanswer choices
- Question 2930 secondsQ. कैप्टन चश्मे वाले के बारे में क्या सही नहीं हैanswer choices
- Question 3030 secondsQ. कितने साल तक हालदार साहब काम के सिल सिले में उस कस्बे से गुजरते रहे?answer choices
- Question 3130 secondsQ. कमसिन का अर्थ होगाanswer choices
- Question 3230 secondsQ. नेताजी की मूर्ति किससे बनी थी?answer choices
- Question 3330 secondsQ. पहली बार कस्बे से गुजरने पर हवलदार मूर्ति पर क्या देखकर चौंके?answer choices
- Question 3430 secondsQ. कस्बे से जाने के बाद भी हवलदार किसके बारे में सोचते रहे?answer choices
- Question 3530 secondsQ. नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति किसे बुरी लगती थी?answer choices
- Question 3630 secondsQ. लोग चश्मे वाले को किस नाम से बुलाते थे?answer choices
- Question 3730 secondsQ. एक बार कस्बे से गुजरते समय हवलदार को मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया?answer choices
- Question 3830 secondsQ. हवलदार को किसका मजाक उड़ाना अच्छा नहीं लगा?answer choices
- Question 3930 secondsQ. चश्मेवाले को पानवाला क्या समझता था?answer choices
- Question 4030 secondsQ. नेताजी की मूर्ति की ऊँचाई कितनी थी?answer choices
- Question 4130 secondsQ. किसे देखकर हवलदार के चेहरे पर कौतुकभरी मुस्कान फ़ैल गई?answer choices
- Question 4230 secondsQ. चश्मेवाले के प्रति पानवाले के मन में कैसी भावना थी?answer choices
- Question 4330 secondsQ. हवलदार का स्वभाव कैसा था?answer choices
- Question 4430 secondsQ. नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा किसने लगाया होगा?answer choices
No comments:
Post a Comment